मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने बताया अपने जम्मू-कश्मीर दौरे का उद्देश्य, पढ़िए क्या कहा

इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे पर बयान देते हुए कहा कि गुमराह प्रचार ओर विरोध के बावजूद, हमारा जम्मू-कश्मीर का दौरा अपेक्षा से अधिक सफल रहा। मौलाना ने कहा कि कुछ लोग दौरे से पहले जनता को गुमराह कर रहे थे, लेकिन शिया- सुन्नी ही नहीं बल्कि हिंदू और सिख समुदाय के विद्वान भी हमसे मिले और हमारे दौरे का स्वागत किया।
मौलाना ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में अहल-ए-सुन्नत के आलीशान मदरसे हैं जहां हमें आमंत्रित किया गया और उन्होंने हमें अपनी समस्याओं के बारे में सूचित किया। मौलाना ने कहा कि हम जम्मू और कश्मीर में जहां भी गए, सड़क, बिजली, पानी सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की कमी पाई। कुछ क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए तो अच्छी सड़कें भी नहीं हैं। हमने वहां लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। जम्मू में अंजुमन-ए-तन्जीम-उल-मोमिनीन के सदस्यों और उसके जिम्मेदार व्यक्ति ताहिर नकवी ने इस दौर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। असलम कुरैशी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी, कुरैशी ब्रदर्स, काजमी ब्रदर्स, जम्मू और कश्मीर के सांस्कृतिक अधिकारी डॉ अलमदार हुसैन, शअंसार मेहदी, और अन्य लोगों ने अपना पुरा सहयोग दिया।
अपनी यात्रा के दौरान, मौलाना ने हिमालय के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उनके पिता मौलाना कल्बे आबिद साहब जाया करते थे। मौलाना कल्बे जावद नकवी ने सरोन कोट, मंडेर, पुंछ, राजौरी और अन्य क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने शिया, सुन्नी, हिंदू और सिख संगठनों के नेताओं से मुलाकात की।